खुद काबिल हो तो ऐसे क्यों हो,
मैं अपनी कामयाबियों को बयाँ न कर सका!
जिस मुकाम पर खड़ा हूँ, उसका हक़दार मैं न था,
पर बुराइयों से डटकर कभी लड़ न सका!
हौंसला है मगर अपने हुनर पर अटूट,
शायद एक दिन बेहतर मुकाम मैं हासिल कर सका!-----------------Written By: Ajit Pandey
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