Skip to main content

Posts

Showing posts from 2022

"आशाओं की उड़ानों" नामक कविता Er.AKP द्वारा लिखी हुई!

"आशाओं की उड़ानों को अब पंख लगे हैं लगने, आसमान में एक आवाज गूंजे — सीमाएँ अब न बाँधें, सपनों को खुलकर फैलने दो!"-------Written By: Ajit Pandey

Orange City Literature Festival featuring “Mera Naam Karega Roshan Jag Mein Mera Rajdulara” in the voice of Er. A.K.P.

🌟✨ Welcome to our heartfelt performance at the Orange City Literature Festival! 🌟✨ Join us as we celebrate creativity and talent during this incredible competition with a spectacular rendition of "Tuje Suraj Kahoon Ya Chanda," performed by the passionate students from Raisoni Group of Institutions. 💖🌌 Catch the vibrant energy as we showcase our love for literature and the arts while pursuing our M.Tech. This mesmerizing song is dedicated to the beauty of dreams, hopes, and relationships. Don’t forget to LIKE, SHARE, and SUBSCRIBE for more magical moments! 🌠🎶 #OrangeCityLiteratureFestival #RaisoniGroup #MTech #Aulad #Chanda #Song #Performances

यहाँ एक विचार प्रस्तुत है जो Er. AKP के दृष्टिकोण को दर्शा सकता है: "भारतीय संस्कृति और हिन्दी: आत्मा और अभिव्यक्ति" — Er. AKP

 भारतीय और पाश्चात्य संस्कृति का मेल यदि अंधानुकरण के रूप में होता है तो निश्चित ही उसमें संदेह है कि वह हमें सही ऊँचाई तक ले जाएगा या नहीं। क्योंकि इस मेल में हमारी मौलिकता, परंपरा और जड़ों से जुड़ी पहचान खो सकती है। लेकिन भारतीय संस्कृति और हिन्दी का मेल सदैव उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा, क्योंकि हिन्दी केवल भाषा नहीं बल्कि हमारी संस्कृति, साहित्य, विचार और जीवन-दर्शन की आत्मा है। जब हम अपने ज्ञान, विज्ञान और तकनीक को हिन्दी और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के साथ प्रस्तुत करेंगे, तब विकास केवल भौतिक नहीं बल्कि नैतिक और आध्यात्मिक भी होगा। अर्थात्: पाश्चात्य संस्कृति से हम तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगति ले सकते हैं। भारतीय संस्कृति और हिन्दी से हम नैतिकता, संस्कार और आत्मिक शक्ति ले सकते हैं। दोनों का संतुलित उपयोग ही हमें सच्ची उन्नति और वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाएगा।

"जमीन और आसमान" शीर्षक से Er.AKP द्वारा लिखी गई!

ख्वाहिश थी सितारों को छूने की, मगर हालात ने ज़मीन से बाँध रखा है।” “उड़ान का शौक था हमें, पर पाँव बेड़ियों में जकड़े हुए हैं।”

"बदलाव अगर खुद में हम कर जाएँ" नामक कविता Er.AKP द्वारा लिखी गई!

"बदलाव अगर खुद में हम कर जाएँ, तक़दीर हमारी भी बदल जाए। क़दमों में कामयाबी नज़र आए, और अंदाज़ हमारा संवर जाए।"------- Written By : Ajit Pandey

Er.AKP द्वारा "आजादी का अमृत महोत्सव" शीर्षक!

भारत देश हमारा प्यारा है, सबसे न्यारा, सबसे दुलारा है। भिन्न-भिन्न धर्म यहाँ बसते, एकता के रंग सभी में रचते। आओ मिलकर मनाएँ अमृत महोत्सव न्यारा, देशप्रेम से जगमगाएँ उजियारा।-------------------------Written By: Ajit Pandey

"आसान नहीं है दुनियाँ में मुकाम" नामक कविता Er.AKP द्वारा लिखी गई!

आसान नहीं है दुनियाँ में मुकाम, चलने पड़ेंगे कई अनचाहे राहों के धाम। सपनों की कीमत चुकानी होगी हर शाम, तभी मिलेगी मेहनत से जीत का नाम।-----------------Written By: Ajit Pandey

"खुद काबिल हो तो" नामक कविता Er.AKP द्वारा लिखी गई प्रेरणादायक रचना है!

खुद काबिल हो तो ऐसे क्यों हो, मैं अपनी कामयाबियों को बयाँ न कर सका! जिस मुकाम पर खड़ा हूँ, उसका हक़दार मैं न था, पर बुराइयों से डटकर कभी लड़ न सका! हौंसला है मगर अपने हुनर पर अटूट, शायद एक दिन बेहतर मुकाम मैं हासिल कर सका!-----------------Written By: Ajit Pandey